कोविलपट्टी की कडलै मिठाई (Kovilpatti Kadalai Mittai, Tamil Nadu)

१९४० के दशक में पोनाम्बला नादर नामक, एक समृद्ध किराने की दुकान के मालिक ने, परंपरागत तरीके से बनाई जाने वाली खजूर के गुड़ और मूंगफली की कडलै मिठाई को एक नया रूप देने के लिए गन्ने के गुड़ और मूंगफली से बनाने का निश्चय किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से कोविलपट्टी में त्योहारों और विभिन्न उत्सवों में  मूंगफली की यह मिठाई पुराने तरीके से तैयार की जाती थी। पोनाम्बला नादर ने उसके पारम्परिक आकार, जो कि छोटे छोटे लडडू होते थे, को बदलकर चौकोर पट्टीनुमा टुकडों का आकार दे दिया।

 

कोविलपट्टी की इस मिठाई का इतिहास करीबन सौ वर्ष पुराना है। मूंगफली कोविलपट्टी शहर के आस पास की काली मिट्टी में उगाई जाती है और पास के शहर अरुप्पुकोट्टै से मंगवाई जाती है। गुड़ (जैविक गुड़) तेनि, सेलम और अन्य विशिष्ट स्थानों से मंगवाया जाता है, जो कि त्रिकोणीय आकार के हल्के रंग में उपलब्ध होता है। जब ये ताज़ा गुड़ मिठाई में मिलाया जाता है तो मिठाई मुंह में घुलकर रह जाती है। इस मिठाई को बनाने में जिस पानी का प्रयोग होता है वह थामीराबारानी नदी का होता है जिसका अनोखा स्वाद होता है।

 

मूंगफली को छीलकर उसे एक मशीन में भूना जाता है, फिर उसे गुड़ की चाशनी में मिला दिया जाता है। इसको लकड़ी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है, जो इसे एक अनोखी सुगन्ध और स्वाद से परिपूर्ण कर देता है। इसे आयताकार टुकडों में काटने से पहले एक समतल ट्रे में फैला दिया जाता है। कभी कभी इसमें अलग स्वाद देने के लिए इलायची और सोंठ का चूर्ण भी मिलाया जाता है। अलग दिखने के लिए, इसपर हरे, गुलाबी और पीले कसे हुए नारियल का छिड़काव भी बहुत प्रचलित है।

 

कोविलपट्टी की मूंगफली की मिठाई अपने औषधीय गुणों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसे प्रोटीन, विटामिन, खनिज और पोषक तत्वों का स्रोत माना जाता है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले का कोविलपट्टी क्षेत्र अपनी इस अनोखी और ज़ायकेदार मिठाई के लिए सन २०२० में भौगोलिक सांकेतिक टैग (जी आई) का अधिकारी हुआ।

 

लेखिका: लक्ष्मी सुब्रह्मणियन (https://sahasa.in/2020/08/20/kovilpatti-kadalai-mittai-of-tamil-nadu/)

हिंदी अनुवाद: गीता खन्ना बल्से

 

* तस्वीरें केवल प्रतीकात्मक हैं (सार्वजनिक डोमेन / इंटरनेट से ली गई हैं। अनजाने में हुए कापिराइट नियमों के उल्लंघन के लिए खेद है।)

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